Chhupa Hua Ishq - 11 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 11

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छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 11

🌕 छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 11शीर्षक: प्रेम का पुनरागमन
(क्योंकि कुछ आत्माएँ कभी विदा नहीं होतीं)1. हिमालय की ठंडी सुबहसर्द हवाओं में भी एक नई ताजगी थी। कैलाशपूर के पहाड़ों पर बर्फ़ की सफेद चादर बिछी थी।
आरुषि ने स्कूल की लाइब्रेरी के बाहर गुनगुनी धूप महसूस की। हाथ में वह पुरानी किताब थी — “Hidden Love: The Eternal Soul,” जिसमें तीन वृत और अधखिला कमल अंकित था।उसने देखा कि आसपास कुछ चीजें पहली बार जैसे उसके लिए ही बनी हों।
“यह चिन्ह कहीं देखा है, पर याद नहीं आ रहा,” वह सोचने लगी।तभी बिजली चमकी, और हवा में गीत जैसा फुसफुसाहट हुआ — “रत्नावली...”
आरुषि ने आँखें बंद कर लहराते हुए कहा, “शायद यह उसी कहानी का नया जन्म है।”2. अनजानी यादेंआरुषि की रातें अब स्वप्न और जागृति के बीच तैरने लगीं।
एक सपने में वह गंगा के किनारे थी, दीपक जलाए, खुद को मंदिर के गर्भगृह में पाती, जहां वह रत्नावली थी।
उसके सामने आर्यवीर की प्रतिमा तड़प रही थी, लेकिन मुस्कान में शांति थी।“अब समय है नई भाषा बोलने का,” उन्होंने कहा जैसे हवा में कोई स्वर।
आरुषि ने खुद से कहा, “मैं सिर्फ कहानी नहीं, उसकी आवाज़ हूँ।”3. गुफा का रहस्यदिन में आरुषि ने स्थानीय गुफा की खोज की, जहां दीवारों पर वही चिन्ह थे—नीला प्रकाश स्तंभ भी वहीं था।
वहाँ उसे आरव मिला, एक शोधकर्ता जो ‘Soul Resonance Theory’ पर काम कर रहा था।दोनों ने मिलकर मंदिर के इतिहास को समझना शुरू किया।
जब आरुषि ने अपने ताबीज़ को प्रकाश स्तंभ पर लगया, तो ऊर्जा की हल्की तरंग चली।आरव बोला, “यह कोई वास्तविक स्थान से भी ऊपर का जुड़ाव है—जहां आत्मा और समय मिलते हैं।”4. जवेन की यादेंरात को नीला प्रकाश घिरा। हवाओं में जवेन की आहट फिर आई—
“अनंत चक्र को समझो, प्रेम को बांधना व्यर्थ है।”आरुषि ने कहा, “तुम्हारा द्वेष समाप्त नहीं, पर अब प्रेम में पनप सकता है।”
जवेन की छाया मिली-जुली रोशनी में घुलने लगी।अब कोई दुश्मनी नहीं, बल्कि समझदारी थी।
“हम सब एक ही कहानी के अलग-3 रूप हैं,” आवाज़ जैसे पिघल गई।5. प्रेम का विज्ञानआरुषि और आरव ने समझा कि प्रेम केवल भावना नहीं, ऊर्जा है।
उनके उपकरणों ने दिखाया कि यह ऊर्जा हार्मोन, स्पंदन और याद की आवृत्तियों के जरिए सदियों तक जीवित रहती है।आरुषि बोली, “हम वे लोग हैं जो प्रेम का विज्ञान बनाएंगे, और उसको हर दिल तक पहुंचाएंगे।”
आरव मुस्कराया, “और हम कहानी के नए लेखक हैं।”6. पुनर्जागरणकैलाशपूर में त्योहार शुरू था। मंदिरों की घंटियाँ बज रही थीं।
आरुषि और आरव मंदिर पहुँचे जहां नीली रोशनी का स्तंभ चमक रहा था।
दोनों ने हाथ थामा और घेरा बनाकर उस ऊर्ज़ा को महसूस किया।हवा में गूँजा — “प्रेम रूपांतरित होता है, टूटता नहीं।”
ऐसे में वे समझ गए—यह एक नई शुरुआत है, न कि अंत।7. भविष्य की भाषाशहर के कॉलेज में आरुषि ने अपनी किताब की प्रस्तुति दी।
“छुपा हुआ इश्क़ सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि हर आत्मा की यात्रा है,” उन्होंने कहा।
“जिसे विज्ञान और भावना दोनो पुष्टि करते हैं।”अयान वहां से माइक्रोफोन लेकर बोले, “अब प्रेम केवल युगांतर का प्रतीक नहीं,
बल्कि मानवता की नई भाषा होगा।”8. अंत की शुरुआतरात की चुप्पी में आरुषि और आरव घाट पर खड़े थे।
गंगा का जल शांत था, पर आकाश नीले ज्वालाओं से जगमगा रहा था।आरुषि ने कहा, “कहानी खत्म नहीं होती, यह हर बार नया रूप ले लेती है।
और हर आत्मा को खुद से साक्षात्कार कराती है।”आरव हँसे, “प्रेम तो अनंत है, और हम उसके कवि।”9. अनंत मौनप्रेम की वह गाथा, जो रत्नावली की थी, अब आरुषि और आरव के साथ थी।
और नदी की सदा बहती लहरों की तरह, वह भावनाओं की गूंज बनी रही।मंदिर की घंटियाँ फिर गूँजी, हवा ने फिर से फुसफुसाया—
“यह अंत नहीं, नयी प्रेम की शुरुआत है।”(एपिसोड समाप्त — “छुपा हुआ इश्क़” की अगली यात्रा… अनंत प्रेम की)