Chhupa Hua Ishq - 5 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 5

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छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 5

🌕 छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 5शीर्षक: पुनर्जन्म का वादा
(जब समय खुद प्रेम की परीक्षा लेता है)नई सुबह — अनजान चेहरे, वही रूहेंदिल्ली, वर्ष 2032।
आर्या नेनी, एक न्यूरो-साइंटिस्ट, अपने सफेद कोट पर झुकी लैपटॉप पर कुछ कोड जांच रही थी।
उसकी स्क्रीन पर शब्द उभरे — “Soul Memory Transfer Simulation — Phase 3 Completed.”कमरे में चांदनी झर रही थी, और मेज़ पर रखा एक छोटा-सा ताबीज हल्का चमका —
तीन वृत और अधखिला कमल।वह ठिठक गई, कुछ देर उसे देखती रही।
“अजीब सा डिज़ाइन है… पिछली रात भी सपने में यही चिन्ह देखा,” उसने बुदबुदाया।
सपने में एक मंदिर था, हवा में बजती घंटियाँ, और आवाज़… “रत्नावली…”वह अनजाने में अपनी हथेली छूकर बोली,
“कौन हो तुम?”पर किसी उत्तर की जगह खिड़की से चलती हवा ने परदे हिलाए — जैसे कोई सुन रहा हो।आदिल की वापसी — कैमरे की तीसरी आँखउधर, बोधगया के खंडहरों में एक फ़ोटो-जर्नलिस्ट अपने कैमरे से तस्वीरें खींच रहा था — आदिल राजन।
मंदिर के अवशेषों को देखते हुए वह रुका, पथरीले दरवाज़े पर उकेरे गए वही चिन्ह —
तीन वृत और कमल की आकृति।उसने कैमरे में ज़ूम किया।
फिर स्क्रीन फ्रीज़ हो गई — चमकता प्रकाश, और अगले ही पल उसकी आँखों के सामने झलका वही दृश्य, वही मंदिर, वही स्त्री।आदिल ने सिर पकड़ा —
“फिर वही सपना… या याद?”
उसके होंठों पर एक शब्द निकला — “माया…”कैमरे का सिग्नल ब्लर हुआ, और आवाज़ आई —
“Delhi Institute of Soul Research — Call Connected.”आदिल चौंक उठा। यह वही जगह थी, जहाँ आर्या काम करती थी।अनजाना परिचय — रूहों का पुनर्मिलनदो दिन बाद, आर्या और आदिल आमने-सामने थे, एक कॉन्फ्रेंस में।
वह मुस्कराई, “आपकी तस्वीरें मैंने कई बार देखी हैं।”
आदिल ने कैमरा उठाकर कहा, “और शायद मैंने आपको कहीं देखा है — पर कहाँ, याद नहीं।”आर्या ने उसकी आँखों में देखा, और एक पल को उसकी साँस थम गई।
कमरे में हल्की नीली आभा सी फैली — वही जो वर्षों पहले रत्नावली मंदिर में थी।सिर्फ़ पलक झपकने जितने समय में दोनों को वही फुसफुसाहट सुनाई दी —
“युद्ध अधूरा है…”दोनों के चेहरे पर विस्मय था।विक्रम जैन — जवेन का पुनर्जन्मउसी दिन शाम को, एक काले सूट में खड़ा आदमी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई दिया —
डॉ. विक्रम जैन, इतिहास और रहस्य विज्ञान का विशेषज्ञ।“रत्नावली मंदिर की शक्ति अब अंधविश्वास नहीं रही,” उसने कहा।
“मैं जल्द ही उसके वास्तविक रहस्य का उद्घाटन करूँगा — पुनर्जन्म की प्रक्रिया का वैज्ञानिक प्रमाण।”भीड़ ताली बजा रही थी, पर उसके होंठों पर वह पुरानी मुस्कान थी — वही जवेन की मुस्कराहट।
उसने स्क्रीन पर आर्या की शोध स्लाइड दिखाते हुए कहा,
“और इस प्रोजेक्ट की मास्टरमाइंड हैं — डॉक्ट़र आर्या नेनी।”आर्या स्तब्ध रह गई।
वह समझ नहीं पा रही थी कि कैसे उसका शोध किसी अजनबी के हाथ में पहुँच गया।
लेकिन आदिल ने भीड़ में खड़े उस व्यक्ति की आँखों को पहचाना —
वही लाल, सर्द चमक।यादों का विस्फोट — आत्मा का संकेतरात को आर्या प्रयोगशाला में अकेली थी।
उसने कंप्यूटर पर पुराने रिसर्च वीडियो खोले — और अचानक स्क्रीन पर कुछ अजीब रिकॉर्डिंग उभर आई।
छवियाँ धुंधली थीं, पर उनमें रत्नावली मंदिर का गर्भगृह दिखाई दे रहा था,
और किसी स्त्री की आवाज़ —
“प्रेमस्य रक्षणं भवतु…”आर्या के हाथ काँप उठे।
“यह… यह मेरी आवाज़… कब?”
दीवार पर वही चिन्ह चमका।दरवाज़ा खुला — आदिल आया।
“सब कुछ फिर से शुरू हो गया है,” उसने कहा,
“वह लौट आया है।”आर्या की आँखों में आँसू भर आए।
“मुझे अब सब याद आने लगा है, आदिल…”
“रत्नावली मंदिर… जवेन… और हमारा वादा…”क्लिफ़हैंगर — समय से परे वादाआदिल ने उसका हाथ पकड़कर कहा,
“इस बार, हम अधूरे नहीं रहेंगे।”लेकिन उसी समय प्रयोगशाला की लाइट्स झपकने लगीं।
एक नलीन, धुएँ से बने आकार ने हवा में रूप लिया।
वह विक्रम था — जवेन का वर्तमान स्वरूप।“प्रेम से भाग नहीं सकते, रत्नावली,” उसने पुरानी ठंडी आवाज़ में कहा,
“अब मैं रूहों को समय से बाँध दूँगा।”चारों ओर अंधकार फैल गया।
आर्या और आदिल रोशनी की एक चकती में घिर गए —
और हवा में वही पंक्ति गूँजी, जिसने सदियों पहले मंदिर में गूँजी थी —“जो प्रेम को पहचान ले, उसे काल भी मिटा नहीं सकता…”दृश्य धीमे-धीमे धुंधला हुआ।
एक अपूर्ण वादा फिर आसमान में लटका रह गया।(एपिसोड समाप्त — अगले भाग में: “कालजयी प्रेम का द्वार”)