मृत आत्मा की पुकार

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वह आवाज़ जो वापस आई शमशेरपुर ऐसा गाँव था जहाँ कहानियाँ सिर्फ सुनी नहीं जाती थीं, बल्कि हवा में घुलकर हर सांस के साथ महसूस की जाती थीं। पहाड़ों के बीच बसा यह गाँव दिन में साधारण लगता था, लेकिन रात ढलते ही सब कुछ बदल जाता था। यह केवल अंधेरा नहीं होता था — यह किसी की नज़र होती थी, किसी की साँस, जैसे कोई देख रहा हो… सुन रहा हो। गाँव के उत्तर में फैले घने जंगल को लेकर दशकों से एक ही बात कही जाती रही — वहाँ कुछ है। कुछ ऐसा जो जीवित नहीं, फिर भी मौजूद है। आधी रात के बाद लोगों ने कई बार अपने नाम पुकारते हुए धीमी आवाज़ें सुनी थीं। कुछ ने इसे हवा कहा, कुछ ने पागलपन, लेकिन गाँव के बुज़ुर्गों ने हमेशा एक ही नाम फुसफुसाया —

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मृत आत्मा की पुकार - 1

वह आवाज़ जो वापस आई शमशेरपुर ऐसा गाँव था जहाँ कहानियाँ सिर्फ सुनी नहीं जाती थीं, बल्कि में घुलकर हर सांस के साथ महसूस की जाती थीं। पहाड़ों के बीच बसा यह गाँव दिन में साधारण लगता था, लेकिन रात ढलते ही सब कुछ बदल जाता था। यह केवल अंधेरा नहीं होता था — यह किसी की नज़र होती थी, किसी की साँस, जैसे कोई देख रहा हो… सुन रहा हो। गाँव के उत्तर में फैले घने जंगल को लेकर दशकों से एक ही बात कही जाती रही — वहाँ कुछ है। कुछ ऐसा जो जीवित ...Read More

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मृत आत्मा की पुकार - 2

Ch 2 : जो छुपा है, वो सामने आएगाशमशेरपुर की सुबह की हवा कुछ अलग लग रही थी — गीली, जैसे रात की फुसफुसाहटों ने हवा को सोख लिया हो। बारिश रुक चुकी थी, लेकिन बादल अभी भी नीचे मंडरा रहे थे, और सूरज की रोशनी जहां आनी चाहिए थी, वहां भी लंबी परछाइयाँ पड़ रही थीं। गाँव, जो आमतौर पर चिड़ियों के गीत और बर्तन की आवाजों से भरा रहता था, आज अजीब तरीके से शांत था। बहुत ज़्यादा शांत।मीरा अपने बिस्तर के किनारे बैठी थी, हाथ में अपनी बहन की पुरानी डायरी पकड़े हुए। उसकी आँखें नींद ...Read More