छाया आज बहुत खुश थी। वैलेंटाइन डे जो था। सुबह से ही उसने इस दिन के लिए खुद को तैयार किया था। लाल शर्ट, जींस और खुले बालों में वह आईने में खुद को देखकर मुस्कुरा रही थी। एक हाथ में गुलाब था, और दिल में एक सपना — शायद आज वो पल आ ही जाए, जिसका बरसों से इंतज़ार था।कॉलेज की दहलीज़ पार करते हुए उसकी आंखें किसी को तलाश रही थीं। तभी पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ आई — "भौं!"छाया पलटी तो सामने काशी थी, उसकी सबसे प्यारी दोस्त। काशी आंख मारते हुए बोली, “किस ढूंढ रही हो, मैडम?”छाया थोड़ी घबरा गई, “क..किसी को नहीं!
छाया प्यार की - 1
छाया आज बहुत खुश थी। वैलेंटाइन डे जो था। सुबह से ही उसने इस दिन के लिए खुद को किया था। लाल शर्ट, जींस और खुले बालों में वह आईने में खुद को देखकर मुस्कुरा रही थी। एक हाथ में गुलाब था, और दिल में एक सपना — शायद आज वो पल आ ही जाए, जिसका बरसों से इंतज़ार था।कॉलेज की दहलीज़ पार करते हुए उसकी आंखें किसी को तलाश रही थीं। तभी पीछे से एक जानी-पहचानी आवाज़ आई — भौं! छाया पलटी तो सामने काशी थी, उसकी सबसे प्यारी दोस्त। काशी आंख मारते हुए बोली, “किस ढूंढ रही हो, ...Read More
छाया प्यार की - 2
(छाया, एक चंचल कॉलेज छात्रा, वैलेंटाइन डे पर अपने प्यार विशाल को प्रपोज करती है, पर वह उसे ठुकरा है। छाया को मना करने के बावजूद वह उम्मीद नहीं छोड़ती। अगले दिन कॉलेज में किसी ने विशाल और छाया की फोटो के साथ "आई लव यू विशाल" बोर्ड लगा दिया, जिससे विशाल बुरी तरह गुस्सा हो जाता है और सबके सामने छाया को अपमानित करता है। छाया आहत होकर माफी मांगती है और वादा करती है कि अब ऐसा नहीं होगा। अब आगे).छाया क्लास की ओर बढ़ी, लेकिन कदम भारी थे। रास्ते में वह वॉशरूम में घुस गई। काशी ...Read More
छाया प्यार की - 3
(विशाल द्वारा अपमानित छाया दुखी होकर अपनी चचेरी बहन नित्या की शादी में गांव जाती है। वहां वह खुद व्यस्त रखती है लेकिन भीतर से टूट चुकी होती है। शादी का माहौल खुशियों से भरा होता है, लेकिन दूल्हे प्रमोद के परिवार वाले अचानक दहेज की मांग करते हैं। जब विपिन और गौरी कुछ नहीं दे पाते, तो बारात वापस लौटने लगती है। छाया भावुक होकर प्रमोद से दीदी के प्यार की दुहाई देती है, पर वह चुप रहता है। उसकी मां छाया को गरीब कहकर ताने मारती है। शादी टूट जाती है और सभी गहरे आघात में होते ...Read More
छाया प्यार की - 4
(नित्या की शादी में दहेज की मांग पर उसका भाई केशव पुलिस लेकर पहुंचता है और दोषियों को गिरफ्तार देता है। परिवार नित्या को दहेज लोभियों से बचाकर राहत महसूस करता है। विपिन को अपनी बहन गुंजन की पढ़ाई छुड़वाने का पछतावा होता है और वह नित्या की आगे की पढ़ाई के लिए जतिन को जिम्मेदारी सौंपता है। जतिन पहले ही अपनी बेटी छाया की पढ़ाई के लिए घर गिरवी रख चुका है। विपिन जतिन की मदद का वादा करता है। छाया यह सुनकर भावुक हो जाती है और खुद को बदलने का संकल्प लेती है।) अब आगेछाया भूल ...Read More
छाया प्यार की - 5
(छाया को एहसास होता है कि वह प्यार में अंधी होकर अपने परिवार की तकलीफों को नजरअंदाज कर रही नित्या के साथ शहर जाने के बाद वह खुद को बदलने का फैसला करती है। अब वह पढ़ाई को प्राथमिकता देती है और विशाल की कड़वी बातों को पीछे छोड़ देती है। कॉलेज में वह विनय से पढ़ाई में मदद मांगती है और उसका आत्मविश्वास लौटने लगता है। काशी जैसी सच्ची दोस्त के साथ वह नए सिरे से मेहनत शुरू करती है।) अब आगेनम्रता और जतिन भी नित्या की टूटी शादी से आहत थे। घर की बेटी की शादी टूट ...Read More
छाया प्यार की - 6
(नित्या की टूटी शादी से पूरा परिवार भावनात्मक रूप से आहत था, लेकिन उसका सहारा बनकर सबने उसे फिर आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई। छाया, जो अब तक लापरवाह मानी जाती थी, पढ़ाई और जिम्मेदारी की ओर बढ़ने लगी। उसके व्यवहार में आए बदलाव ने सबको चौंका दिया। नित्या का प्रगति कॉलेज में दाखिला और केशव द्वारा बताई गई स्कॉलरशिप स्कीम ने परिवार में नई उम्मीद जगा दी। छाया ने भी अच्छे अंकों का संकल्प लिया। यह बदलाव केवल एक बेटी या बहन का नहीं, बल्कि पूरे परिवार के सोच, समर्थन और विकास की ओर उठाया गया ठोस कदम ...Read More
छाया प्यार की - 7
(नित्या के एमए में एडमिशन की खुशी पूरे घर में फैली हुई थी, वहीं छाया भी अब पढ़ाई को से लेने लगी थी। कॉलेज में एक दिन लाइब्रेरी में छाया और विशाल अनजाने में बंद हो जाते हैं। इस घटना से विशाल को गलतफहमी हो जाती है कि छाया ने यह सब जानबूझकर किया। जबकि छाया खुद भयभीत और परेशान थी। घर लौटते समय वह सोचती है कि उसकी छवि ऐसी क्यों बन गई है कि लोग उस पर विश्वास नहीं करते। दूसरी ओर विशाल बदले की भावना से भर जाता है। कहानी अब टकराव और आत्मसम्मान की दिशा ...Read More