Chhaya Pyaar ki - 3 in Hindi Women Focused by NEELOMA books and stories PDF | छाया प्यार की - 3

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छाया प्यार की - 3

(विशाल द्वारा अपमानित छाया दुखी होकर अपनी चचेरी बहन नित्या की शादी में गांव जाती है। वहां वह खुद को व्यस्त रखती है लेकिन भीतर से टूट चुकी होती है। शादी का माहौल खुशियों से भरा होता है, लेकिन दूल्हे प्रमोद के परिवार वाले अचानक दहेज की मांग करते हैं। जब विपिन और गौरी कुछ नहीं दे पाते, तो बारात वापस लौटने लगती है। छाया भावुक होकर प्रमोद से दीदी के प्यार की दुहाई देती है, पर वह चुप रहता है। उसकी मां छाया को गरीब कहकर ताने मारती है। शादी टूट जाती है और सभी गहरे आघात में होते हैं। अब आगे)

"कितना देना होगा कि हम आपके बराबर हो जाएं? बताइए… मैं इंतज़ाम करता हूं, बस एक घंटे का वक़्त दीजिए।"

सबने चौंककर देखा—वो केशव था।

"मैं अपनी नित्या दीदी के लिए इतना तो कर ही सकता हूं।"

नित्या यह सुनते ही कांपते स्वर में बोली, "अब मैं ये शादी नहीं करूंगी।"

प्रमोद ने मनाने की कोशिश की, लेकिन नित्या का चेहरा उसके लिए घृणा से भर उठा। उसने मुंह फेर लिया।

धनेश मुस्कुराते हुए बोला, "5 लाख और एक घंटा।"

केशव ने सिर हिला दिया।

नम्रता ने माहौल संभालते हुए कहा, "तब तक रस्में पूरी कर लीजिए।"

सुरीली ने तीर छोड़ा, "पहले रकम, फिर रस्म।"

नित्या बार-बार मना करती रही, "मैं शादी नहीं करूंगी," लेकिन किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया।

जतिन का गुस्सा फूटा, "बस कर। हर बार तेरी मर्ज़ी नहीं चलेगी। प्यार के नाम पर धमकी देती है और भागकर शादी करने की बात करती है! अब तेरी शादी इसी से होगी।"

नित्या पछतावे की आग में जल रही थी।

छाया दौड़कर नित्या से लिपट गई—उसकी आंखों में नमी थी, पर गहरा समझदारी भी। शायद उसे नित्या में अपना ही अक्स दिख रहा था।

धनेश, सुरीली और प्रमोद खुशियों में डूबे थे।

कुछ देर बाद केशव ने फोन पर बात की और बाहर चला गया।

जब वह लौटा, उसके साथ पुलिस थी।

"धनेश, सुरीली और प्रमोद, आप पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज है।"

पुलिस ने कड़ाई से कहा और किसी की एक न सुनी।

नम्रता ने पहले से ही सुरीली के 'पहले रकम, फिर रस्म' वाले शब्द रिकॉर्ड कर लिए थे।

सारे सबूत उनके खिलाफ थे।

प्रमोद ने नित्या से कुछ कहने की कोशिश की, पर नित्या ने उसे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारकर सब कुछ खत्म कर दिया।

पुलिस तीनों को लेकर चली गई।

विपिन अवाक रह गया, "य… ये तुमने क्या कर दिया, जतिन? अब नित्या का हाथ कौन थामेगा?"

छाया को अब पूरी सच्चाई समझ में आ चुकी थी—उसके मां-पापाजी और केशव ने मिलकर यह योजना बनाई थी।

उसका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

गौरी ने केशव के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, "बेटा, तूने मेरी बेटी की ज़िंदगी बचाई।"

नित्या भी चाची के गले लगकर बोली, "मैं सच में भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसा परिवार मिला।"

हालाँकि गौरी के मन में भी वही सवाल था—अब नित्या की शादी कौन करेगा?

लोग जाने लगे।

विपिन ने हाथ जोड़कर सबसे कहा, "कृपया भोजन करके जाइए।"

एक व्यक्ति तंज कसते हुए बोला, "जब बेटी की शादी ही नहीं हुई तो क्या खुशी?"

गौरी ने दृढ़ता से जवाब दिया, "मेरी बेटी एक लालची परिवार से बच गई, यही सबसे बड़ी खुशी है।"

सबने तालियाँ बजाईं और भोज में शामिल हो गए।

छाया ने नित्या का हाथ पकड़कर कहा, "चलो दीदी, आज जमकर नाचते हैं।"

नित्या ने पहली बार मुस्कराकर सिर हिलाया।

केशव ने संगीत लगाया और तीनों भाई-बहन मस्ती में झूम उठे।

उनकी खुशी देखकर सारे रिश्तेदार भी ग़म भूलकर शामिल हो गए।

शादी की रात बीत चुकी थी।

सब सोने की तैयारी में थे।

विपिन और जतिन देर रात तक बैठे बातें कर रहे थे।

पुरानी बातें लौट आईं—गुंजन की जबरन शादी, उसकी टूटी ज़िंदगी, और विपिन का पछतावा।

"जतिन," विपिन बोला, "एक बात कहूं, मना मत करना।"

"बोलिए भैया," जतिन भावुक हो गया।

"मैं चाहता हूं कि नित्या अब तुम्हारे साथ शहर जाए। वह बीए कर चुकी है, आगे पढ़ेगी। जब अपने पैरों पर खड़ी होगी, वही उसका असली दहेज होगा।"

जतिन ने सिर हिला दिया।

"और हां, मैं जानता हूं कि तुमने छाया को बड़े कॉलेज में पढ़ाने के लिए घर गिरवी रख दिया है। अब नित्या की पढ़ाई का खर्च मैं उठाऊंगा, और हम दोनों मिलकर तुम्हारा घर भी ऋण से मुक्त करेंगे।"

जतिन फफक पड़ा और अपने बड़े भाई के गले लग गया।

छाया दूर खड़ी सब सुन रही थी।

उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके पापाजी ने उसकी पढ़ाई के लिए घर गिरवी रखा था… और वो?

वो तो पढ़ाई छोड़कर किसी और की मोहब्बत में खुद को खो बैठी थी।

उसने आंखों में आंसू लिए धीरे से कदम बढ़ाए और पापाजी को गले लगाते हुए कहा—

"थैंक यू पापा… अब मैं सिर्फ पढ़ूंगी, और वो बनूंगी, जो आप सपने में भी सोचते होंगे…"

1.क्या एक लड़की का प्यार इतना बड़ा अपराध है कि उसे सबके सामने बेइज़्ज़त किया जाए?

2.जब दहेज के लोभ में एक प्यार भरा रिश्ता टूटने लगे, तो क्या परिवार की एकता उसे बचा सकती है?

3.जिस पिता ने बेटी की पढ़ाई के लिए घर गिरवी रख दिया, क्या वो बेटी वक्त रहते समझ पाएगी कि असली प्यार 'त्याग' में छुपा होता है?

जानने के लिए पढ़ते रहिए "छाया प्यार की"