अनुच्छेद एकतन्नी, नन्दू, हरवंश अदालत में पेश किए गए। न्यायिक दंडाधिकारी ने पत्रजात पर नज़र दौड़ाई। दोनों पक्षों को सुना। माओवादियों से सम्पर्क पर उनका भी माथा ठनका। पुलिस की माँग पर तीनों को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रामसुख, नरसिंह थे ही कान्तिभाई भी पहुँच गए थे। उन्होंने मानवाधिकार से जुड़े एक अधिवक्ता को तत्काल अपने पक्ष में खड़ा कर दिया था। भारत में कई राज्यों के अनेक जनपदों में नक्सलवादी सक्रिय हैं। आन्ध्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखण्ड, बिहार होते हुए एक लाल गलियारे की चर्चा अक्सर की जाती है। नेपाल में भी माओवादियों ने सत्ता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई, कमजोरों के शोषण एवं बेरोजगारी ने नक्सलवाद को अपनी जड़ें जमाने में मदद की है।'किसी के साथ माओवाद जैसा शब्द जुड़ जाने से ही अधिकारी चौंक जाते हैं।
कारवाॅं - 1
अनुच्छेद एकतन्नी, नन्दू, हरवंश अदालत में पेश किए गए। न्यायिक दंडाधिकारी ने पत्रजात पर नज़र दौड़ाई। दोनों पक्षों को माओवादियों से सम्पर्क पर उनका भी माथा ठनका। पुलिस की माँग पर तीनों को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।रामसुख, नरसिंह थे ही कान्तिभाई भी पहुँच गए थे। उन्होंने मानवाधिकार से जुड़े एक अधिवक्ता को तत्काल अपने पक्ष में खड़ा कर दिया था। भारत में कई राज्यों के अनेक जनपदों में नक्सलवादी सक्रिय हैं। आन्ध्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखण्ड, बिहार होते हुए एक लाल गलियारे की चर्चा अक्सर की जाती है। नेपाल में भी माओवादियों ने सत्ता में ...Read More
कारवाॅं - 2
अनुच्छेद दोअंजलीधर मड़ई में बैठी अखबार देख रही हैं। कई राज्यों में किसानों के आत्महत्या की खबर देखकर वे हो उठीं। सुबह के दस बजे थे, धूप बहुत तेज नहीं थी। रामसुख अपने खेत का दो विश्वा गोड़कर लौटे। अंजलीधर के पास ही बैठ गए। 'किसान आत्महत्या कर रहे हैं रामसुख।' 'बहुत मजबूरी में किसान इस तरह का कदम उठाता है माँ जी', रामसुख बोल पड़े। 'इधर मैंने कुछ रिपोर्ट देखी हैं जिसमें बताया गया है कि फसल का उचित दाम न मिल पाने तथा कर्ज़ से दबे होने के कारण किसानों ने आत्महत्या की है। कैसे ये आत्म ...Read More
कारवाॅं - 3
अनुच्छेद तीनअंजलीधर मड़ई में चौकी पर बैठी दो बच्चियों को गणित के प्रश्न हल करा रही थीं। सुबह का था दिन रविवार। अंगद डेयरी का दूध बाजार भेज चुके थे। रजिस्टर पर दूध का हिसाब अंकित कर वे निकले ही थे कि करीम ने आदाब किया। अंगद ने भी बढ़कर उनसे हाथ मिलाया। मोलहू और राम जियावन भी राम-राम कहते हुए अंगद से मिले। उनके पीछे तीनों की पत्नियाँ भी थीं। अंगद ने महिलाओं को भी प्रणाम किया। सातों लोग माँ अंजलीधर की मड़ई की ओर बढ़ गए। माँ ने इन लोगों को देखकर बच्चियों को कुछ सवाल हल ...Read More