मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता

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राठौड़ विला......रात के २ बजे... आज सालों के बाद रात के २ बजे भी राठौड़ विला कलरफुल लाइट्स से जगमगा रह था। रंग बिरंगी फूलों को खुशबू और खुबसूरती बिल्ला को कुछ अलग ही रूप दे राहा था। जितनी खुबसूरती से पूरे बिल्ला की सजाबट थी, उस से भी ज्यादा खूबसूरत सजावट बिल्ला की एक खास कमरे की थी। किसी ग्लास हाउस के तरह दिख ने वाली इस पूरे कमरे को रेड रोज़ और सेंटेड कैंडल्स से सजाया गया था। रोज़ पेटल्स कार्पेट के तरह पूरे कमरे में बिछाए गए थे।

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मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 1

दिल्लीराठौड़ विला......रात के २ बजे...आज सालों के बाद रात के २ बजे भी राठौड़ विला कलरफुल लाइट्स से जगमगा था। रंग बिरंगी फूलों को खुशबू और खुबसूरती बिल्ला को कुछ अलग ही रूप दे राहा था।जितनी खुबसूरती से पूरे बिल्ला की सजाबट थी, उस से भी ज्यादा खूबसूरत सजावट बिल्ला की एक खास कमरे की थी।किसी ग्लास हाउस के तरह दिख ने वाली इस पूरे कमरे को रेड रोज़ और सेंटेड कैंडल्स से सजाया गया था। रोज़ पेटल्स कार्पेट के तरह पूरे कमरे में बिछाए गए थे।बेड के ऊपर पड़ी गोल्डन कलर की मखमली बेडशीट के ऊपर रोज पीटल्स ...Read More

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मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 2

बिक्रम जी के बुलाने पर अमन पिछे मुड़ ते हुए एक बेचारगी भरी स्माइल देते हुए , जी दादा बोल बिक्रम जी के सामने खड़ा हुआ।"बेटा.... राजवीर को बस बुलाना नहीं हे, बल्के अपने साथ उसे मंडप तक लेकर आना हे।"बिक्रम जी कुछ समझा ते हुए बोले।अमन फिर से "जी दादा जी" बोल ते हुए वहां से रुकसत होने ही जा राहा था बिक्रम जी उसे रोक ते हुए फीर बोले पड़े....."और अगर आप १५ मिनिट में राजवीर को मंडप में नहीं लेके आए तो......."ये बोल बिक्रम जी रुक गए तो अमन सवालिय नज़रों से मासूम सकल बनाते हुए ...Read More