माफ़ कर दी हैं अब सारी मेरी गलतियाँ,
अब तुम अपने रास्ते देखो, मैं अपने सफ़र में सही हूँ।
कहा भी था मैंने, मैं कौन हूँ—बस खुद को जानने दो,
पहले जैसा ही देखना चाहती हूँ, इसीलिए हर कदम यूँ उठाए।
गलती मेरी थी, बार-बार यक़ीन करती रही,
पर अब बस… हद होती है, सब सहने की भी।
अब और नहीं सह सकती, अब और नहीं झुकूँगी,
इतना ही काफी है… अब खुद को ही चुनूँगी।
kajal Thakur 😊