✍️ अगर मैं प्रधानमंत्री होता...
अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो हर हाथ में रोज़गार होता,
न कोई भूखा सोता, न कोई कर्ज़ में रोता।
अमीर के महल के सामने, गरीब की झोपड़ी न होती,
न कोई उम्मीद तोड़ता, न ज़िन्दगी से हार मानता।
ना कोई अकेला बेहाल होता, ना कोई रात भर रोता,
सरकार उनका साथ देती, जो हर दिन दुख से लड़ता।
इंसान करे तो करे क्या? अब तो सब बिक चुका है,
इंसानियत भी पैसे के आगे सिर झुका चुका है।
मैं बदलता ये दौर, जहाँ पैसा भगवान न होता,
मेहनती लोगों को भी इज़्ज़त और सम्मान मिलता।
ईएमआई का डर मिटा देता, कर्ज़ को राहत में बदलता,
नौकरी छूटे तो सहारा देता, कोई अपनों से न जलता।
भुगतान की कतार में खड़ा गरीब, भीख नहीं, हक़ माँगता,
और मैं उसका नेता बन, उसके सपनों को साकार करता।
मैं बनाता ऐसा भारत, जहाँ हर चेहरा मुस्कुराता,
न कोई भूखा सोता, न कोई सपना अधूरा रह जाता।
अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो बस इतना चाहता,
इंसानियत जीती रहे... और हर दिल में देश बसता। 🇮🇳
बी.डी ठाकोर