एक लड़की जब शादी करके एक पत्नी बनती है,
तब वो अपनी पूरी जिंदगी अपने पति को न्योछावर कर देती है,
इसी उम्मीद में के पति उसको समझे
वो इशारे भी करती है, बताती भी है,के इशारे समझ ले,
लेकिन अक्सर पति इशारों को समझ नही पता,
और रिश्ता बस रिश्ता बन कर रहे जाता है,
वो मोहब्बत जजाती है और पति उसे समझ नही पता,
प्यार तो बेशुमार पति भी करता है लेकिन जताता नही,
कभी कभी रिश्ता मजबूती से बांधने के लिए जताना जरूरी है,
कभी कभी कुछ अपनी पत्नी के लिए भी कर दे तो उसके चहरे की हसी ही दो गुना बढ़ जाती है,
क्या ही चाहती है पत्नी, एक फूल, एक स्माइल, एक hug
बस इतनी सी ही तो बात है...
बस इतनी सी ही तो बात है...
शायद हर पत्नी यही महसूस करती है....
तो उन सभी पत्नियों को समर्पित एक भाव....
🫶~~~~~🫶~~~~~🫶~~~~~~🫶