मैंने अपने दुख में भी कई लोगों को मुस्कुराते हुए देखा है
तो कहीं दफा मैंने मेरे आंसू के संग कई लोगों को रोते हुए भी देखा है...
मैंने इंसान के भेस में हैवान को भी देखा है
और मैंने जानवरों में भी प्रेम के भाव को देखा है
हां मैंने देखा है लोगों को हालातो के अनुसार बदलते हुए
और कई लोगों को मैंने अपने उसूलों पर चलते हुए हैरान होते हुए भी देखा है..
पर एक बात मैंने जीवन में सीखी है कि
इंसान अपनी फितरत पर ही कायम रहता है
जो जैसा है वह वैसा ही रहता है
चाहे वह हो इंसान के रूप में शैतान या
चाहे वह इंसान के रूप में भगवान
- Bindu