एक आसरा ढंग रही हूं
दिल का ठिकाना ढूंढ रही हूं
यूं तो काफ़ी हु खुद में
पर खुद का हिस्सा ढूंढ रही हूं....
जो ना जी पाया अब तक
जो ना कह पाई अब तक
जो ना देख पाई अब तक
वो वक्त,कहानी वो नजारा
ढूंढ रही हूं
ना हु तन्हा फिर भी एक साथ ढूंढ रही हु
जो समझा लिया है दिल को
जो बता दिया है दिल को
वो अधूरा ख्वाब का
ख्याल ढूंढ रही हु
ना हूं काबिल फिर भी दिल का सितारा ढूंढ रही हूं
ना हूं निराश ना खुश
ना चाह ना दबिश की मौत मर रही हु
ना कारण है जीने का
ना अंत का तकाजा कर रही हु
हूं सफर में फिर भी सफर ढूंढ रही हूं
हु रास्ते पर फिर भी मोड खोज रही हूं