🤝 कविता : दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती वो प्यारा बंधन है,
जिसमें छल-कपट नहीं होता।
दिल से दिल का संग जुड़ता है,
जहाँ कोई अपना नहीं खोता।
हँसी में साथ, ग़म में सहारा,
अंधेरों में जैसे उजियारा।
तूफ़ानों में भी हाथ थामे,
हर मुश्किल को बनाए प्यारा।
न कोई सौदा, न कोई झगड़ा,
सिर्फ़ भरोसे का गहरा धागा।
दोस्ती वो अनमोल खज़ाना,
जो हर दिल में रहता जागा।
सच्चा दोस्त वही कहलाता,
जो हर पल साथ निभाता है।
दोस्ती की छाँव में चलकर,
जीवन भी स्वर्ग बन जाता है।