💔 "खाली जेब, भरे अरमान" 💔
(बलदेव भाई के जज़्बात के नाम)
जेब भले खाली हो, पर सपनों की कोई कमी नहीं,
मुसीबतों की आंधी में भी, हमने उम्मीदें थमी नहीं।
दाल-रोटी के लिए जूझते हैं दिन-रात,
पर दिल में बसी है करोड़ों की बात।
चेहरे पर मुस्कान, दिल में तूफान होता है,
जब जेब में कुछ न हो, तो खुद पर ही गुमान होता है।
ना कोई सहारा, ना कोई आस की रेखा,
फिर भी हर सुबह कहती है — "उठ, तू हार कैसे देखा?"
यह गरीबी बस एक मोड़ है, मंज़िल नहीं,
जो आज रुकेगा, वो कल कुछ भी हासिल नहीं।
जिस दिन किस्मत से नहीं, खुद से जीतोगे,
उस दिन पैसों के साथ इज़्ज़त भी साथ लोगे।
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"बलदेव ठाकोर" एक नाम नहीं, संघर्ष की कहानी है,
जो आज रो रहा है, कल उसकी मुस्कान सुर्ख़ बानी है। 🌟