शीर्षक : नज़र
मेरी नज़रो ने देखा जब उनको
बड़ी अजीब सी उनकी कहानी थी
फिर भी इस दिल ने उनपे ही
मर मिटने की ठानी थी।
एक बात अलग थी उनमें
जो ,
मैंने
ऐसा करने की ठानी थी ।
मेरी नज़रो ने देखा जब उनको
बड़ी अजीब सी उनकी कहानी थी ।।
आखिर में उनकी नज़रे भी
मेरे नज़रो से टकराई
ना जाने कैसा दर्द हुआ
मैं कह न सका जमाने से
उनका तो,
वो ही जाने
हमने तो ज़िद ये ठानी थी।
मेरी नज़रो ने देखा जब उनको
बड़ी अजीब सी उनकी कहानी थी। ।