इश्क है तो इश्क की बात कीजिए,

फिक्र अंजाम की क्यों पहले शुरुआत
तो कीजिए,,

"गुमनाम शायर"

Hindi Shayri by गुमनाम शायर : 111929054
गुमनाम शायर 2 week ago

धन्यवाद भाई 💐❤️

Narendra Parmar 2 week ago

सही है 👌👌

गुमनाम शायर 2 week ago

वो सिर्फ शब्दों तक सीमित है ना के किसी के इनबॉक्स तक

Jayesh Gandhi 2 week ago

Gumnaam ji aap Ishq Karo ham wah wah karte hai,,,😀😀

गुमनाम शायर 2 week ago

शुक्रिया ❤️💐

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