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इज़हार ए इश्क आज उन्होंने किया , सरेआम नाम मेरा लेकर इजहार भी किया, क्या जवाब दूं अब तेरी बातों का, किस कश्मकश में मुझे तुमने डाल दिया,, -Anju Kumari
इश्क करना तो आसान था सनम, पर इश्क को ही जुनून बनाये रखना बड़ा मुश्किल है,, -Anju Kumari
यूं खत्म कुछ इस तरह से उसकी मेरी मुलाकात हुई, आँखे भी नम थी और लफ्ज़ भी रूंधे थे,, -Anju Kumari
बिछड़ी रूहों को सुकून हो जाए, या तो बसा लो मुझे खुद में ,या मेरे हो जाए,, -Anju Kumari
कुछ अर्जियां खुदा खुद पूरी कर देता है, बंदे की नीयत देख कर,, -Anju Kumari
अल्लाह अगर तौफिक़ ना दे इन्सान के बस का काम नही, फैज़ान ए मोहब्बत आम सही इरफान ए मोहब्बत आम नही,,
कभी कभी लगता है पत्थरो की बस्ती में आ गए, जो लगाए थे मोहब्बत के बाग, वो शक के कीड़े खा गए, बेबस और बेनूर हो गई अब आंखे, आंखो में आंसू सुख कर खून के धार आ गए,, कभी कभी लगता है पत्थरो की बस्ती में आ गए, तमीज और तहजीब की विरासत खो गई, बोलना सिखाया था जिन्हें उन्हे अब कितनी बदजुबानी आ गई, कभी कभी लगता है पत्थरो की बस्ती में आ गए, अपनो के बीच आज अजनबी हो गए , सारे अपने ना जाने कहां खो गए, तरसते है एक खुशी के लिए, कहां से चले हम कहां आ गए, कभी कभी लगता है पत्थरो की बस्ती में आ गए,, अन्जू
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