ना जाने वो कौन से ख्वाब थे
जिनके लिए हकीकत मुश्किल बना रहे है
जिसको अपना सपना कहते थे
उसे जीने के लिए नींद उड़ा रहे है
कहा सूरज से होड़ लगाते थे
अब तो चांद से हार रहे है
आसानी से जी रहे थे
अब जीना मुश्किल बना रहे है
बस है कुछ ख्वाब
जिनके लिए हकीकत मुश्किल बना रहे है