मां के बिना सब अधूरा.........
मां.......वो है जिनके मधुर गीतो से ही सवेरा नई उमंग और रोशनी लाता है और उनकी मीठी लोरी रात में कई सुंदर सपने ला देती है जो बालक को एक नई दुनिया में ले जाती है। मां हर बालक का प्रथम गुरु और प्रथम मित्र होती है। जो बालक को हर छोटी बडी मुसीबत से लडने की हिम्मत व ज्ञान प्रदान करती है।
मां के साथ के बिना घर संपूर्ण नहीं होता। घर में अगर मां के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान न दिखाई दे और उनकी प्यार भरी डांट सुनने को न मिले तो घर बहुत सूना सा लगता है। मां की डांट में बच्चो के भविष्य की चिंता छिपी होती है। जैसे माता यशोदा का भगवान श्रीकृष्ण को माखन चुराने पर डांटना और उनसे रुठ जाना फिर श्रीकृष्ण का उन्हे मनाना। यह एक मां और बालक के बीच अपार प्रेम को दर्शाता है। मां का आशीर्वाद बालक को हर बडी से बडी मुसीबत से बाहर निकालने में सहायता करता है। मां का साथ हो तो हर मुश्किल आसान लगती है। कहते है ' मां के चरणो में स्वर्ग होता है' और यह बात पूर्णत: सत्य भी है, यदि मां का आशीर्वाद प्राप्त हो जाए तो सामने चाहे कितना ही बडा युद्ध क्यों न हो, उसे जीता जा सकता है। मां सबसे बडी योद्धा होती है। कोई भी कार्य आरंभ करने से पूर्व मां के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए। मां कभी बालक का बुरा नहीं चाह सकती। दिन रात उन्हे हमेशा बच्चो की चिंता रहती है। वो बच्चे के लिए हर दुख दर्द सहन कर लेती है।हर मां का यही सपना होता है कि बच्चा सदैव सही राह पर चल कर अपनी मंजिल को प्राप्त कर सके। मां के बिना हर पल अधूरा सा होता है। जहाँ मां हमेशा मुस्कुराती रहे, वो जगह स्वर्ग के समान होती है। मां का स्थान सबसे उंचा होता है। कई कवियो और लेखको ने मां के प्रेम को अपनी कलम से लिखने का प्रयास किया है। मां की सेवा अर्थात भगवान की सेवा। मां का अपमान अर्थात भगवान का अपमान। हमेशा यही प्रयास होना चाहिए कि मां हमेशा मुस्कुराती रहे उन्हे कोई दुख न हो। इस बार 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस 14 मई को है, लेकिन क्या कोई दिन मां के बिना पूर्ण हो सकता है? हर दिन मां के प्रेम से शुरु होकर उनके मीठी लोरी पर ही पूर्ण होता है। मां का प्रेम सारे जग से उंचा होता है। मां के बिना कोई और उनकी कमी को पूर्ण नही कर सकता।