हम लड़के आवारा होते हैं
मां बाप की आंख का तारा होते हैं
हम लड़के आवारा होते हैं..
जिंदगी में मौज मस्ती रहती है
अपनी भी एक हंसती रहती है
तब मां बाप के पैसे से ली हुई हर चीज अपने लिए सस्ती रहती है
तब एक वक्त ऐसा आता है जब हमारी जरूरतें बढ़ जाती हैं
तब पापा से पैसे मांगने में भी हमको शर्म आती है
लोगों की बातें तानों में बदल जाती हैं
तब जिम्मेदारियां हमारे सर पर आ जाती हैं
और तब हमारे विचार सिर्फ पैसे कमाने के होते हैं
हम लड़के आवारा होते हैं
लड़कियां एक परिवार छोड़कर दूसरे परिवार में जाती है
नए माहौल में नए परिवार में अपना जीवन बताती हैं
हम लड़कों का त्याग भी कम नहीं होता है
अपने परिवार को छोड़कर दूर शहर में कहीं रह ना होता हैं
पैसे कमा कर अपने परिवार को भेजते हैं
थोड़े से पैसों में अपना गुजारा कर लेते हैं
परिवार की यादों को साथ रखकर अकेले में रोते हैं
हम लड़के आवारा होते हैं
हम लड़कों के जिंदगी भी आसान नहीं होती है
मात्र पैसों से ही जीवन में मुस्कान नहीं होती है
हम लड़के भी अकेले में रोते हैं
जब हम घर से दूर होते हैं
अपने आंसुओं को छुपा कर चेहरे पर मुस्कान लिए होते हैं
हम लड़के आवारा होते हैं
हम लड़के आवारा होते हैं अपने मां-बाप की आंख का तारा होते हैं
नालायक ही सही पर अपने घर का सहारा होते हैं
हां हम लड़के हमारा होते हैं..
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