एक मुलाक़ात बहोत ख़ास है
वो शख़्स रहता दिल के पास है
ताउम्र सुनाई दिए कडवे बोल सबके
तेरी आवाज में दुनियाभर की मिठास है
लाख है इस जहाँ में आक़िल रफ़ीक
मेरे लिए तो सिर्फ तू जहाँ-शनास है
तेरा जिक्र होते ही सारे मसले मिट जाते है
ना जाने तु क्यो इतनी ज्यादा ख़ास है
यु तेरा हात छोड घर वापस लौटे तो है
मगर तुझसे दुरीयाँ करती मुझे उदास है
©®𝐇𝐚𝐫𝐬𝐡𝐚𝐝𝐚 𝐃𝐨𝐧𝐠𝐚𝐫𝐞🖤🖤🖤