दुनिया के सौ रंग
नही समझ पाओगे आप की कल क्या था इसका ढंग,
आज क्या है इस मजबूरी का नया रंग,
वक्त नही लगेगा इसे बदलते हुए क्योंकि हैं ये गिरगिट के सम,
बाहर से है ये अलग पर अंदर झांक के देखो तो दिखेगा इसका असली रंग,
क्योंकि पर्वत भी लगते है नीले सम,
ऐसे ही दुनिया के है सौ रंग.....
-Dhvani Upadhyay