भटकने का समय नहीं रहा अब,
क्योंकि ज़िंदगी के हर मकसद को जान चुका हु अब मैं,
अच्छे लोगो की खोज मैं हार चुका हु मैं,
हर किसी से महोब्बत जुड़ा कर दिल तुड़वा चुका हु मैं,
बहस और दलीलों से अब ऊपर उठ चुका हु मैं,
सबको यकीन दिलाना अब छोड़ दिया है मैने,
-Dhvani Upadhyay