बस इतनी सी ज़िन्दगी!!!
हकीकत से रूबरू कहीं
तो कहीं ख्वाबों में दिखती
मन के उलझे सवालों में कहीं
तो कहीं जवाबों में दिखती
दिल मे एक पीड़ा को छुपाये
तो कहीं मुस्कुराहट में झलकती
कहीं उम्मीदों में भिखरी हुई
तो कहीं खुद में सिमटी हुई
बस इतनी सी ज़िन्दगी।।
©सतेंदर तिवारी (ब्रोकेन्वोर्डस)