पैसा होना बहोत जरुरी है पर अंधों की तरह उसके पीछे भागना और उसी भगदड़ में अपनों को वक़्त ना देपाना बुरा है,
पैसो की असली कीमत उनसे पूछिये जो आज
करोडो लुटाकर भी अपनों को एक एक सांस के लिए तड़पता देख रहे है और आखिर में उन्हें खोने के बाद बालदिया भर भर के
उनहीं पैसों को रास्ते पर हवा में उड़ा रहे है।
-Chandrika Gamitl