नदी समंदर तालाब है क्या? तुम्हारी आँखों मे क्या है? कह दो,
मैं डूब कर जीना चाहता हूँ, तुम्हारी हाँ, या मना है? कह दो
गुन्हा किया तो पकड़ लो हमको, बिना मुकदमा सजा भी दे दो
या, बाँहोकी कैद दे के हमको, ''ये उम्रभर की सजा है'' कह दो
बहुत बेफ़िक्री सी है ज़हन में, न जाने क्या हो गया है हम को!
कहीं पे रख कर जो भूल गए हम, हमारा दिल अब कहाँ है? कह दो
नया नगर है नई डगर है, नया नया सा हूँ इस सफ़र में,
मैं ढूंढता हूँ कोई ठिकाना, तुम्हारे दिल में जगा है? कह दो
मैं मुद्दतों से तुम्हारे घर के लगा के चक्कर नहीं थका हूँ!
थका भी था! तो रुका नहीं था, ये सारी बातें "पता है" कह दो
BHAVESH