जिम्मेदरीयां अब शरीर को,ढोए जा रही है,
आत्मा जैसे थकान से,रोए जा रही है,
मुश्किलो भरा जिंदगी का ये सफर,
एक ठेहेराव की गुजारीश,ये किए जा रही है,,
थकावट भुलाकर मुस्कुराना है तुझे,
डटकर आगे बढ,ये बताए जा रही है,,
अच्छी यादों को समेट,प्रेरणा बन उभर,
मुश्किलो को दे पछाड,ये समझाए जा रही है,,
जिंदगी जैसे हर घडी इम्तिहान लिए जा रही है,
हर पल मानो कुछ सिखाए जा रही है...
-प्रिया...