ना अब तेरा आने की खुसी, ना तेरा जाने का गम, एक प्यार ही तो था जो हो गेयी कम । क्या फरक् पडता है कोन किसको छोडा, क्या फरक् पडता है कोन किसको छोडा.....दिल तो सब तोडते हैं तु कोनसा जोडा ? आखीर तु वही नीकला जो सबने बताये थे, कसम तुम्हारा हम ही पागल थे । आदत सी हो गेया था तु मेरा, वैसे सुक्रिया तो यादा करूं जी तेरा । तुने ही दिखाया मुझे तेरा रगं, बरना काहाँ पता चलता उढलिया था जो अच्छे होने का ढगं । आज तुझे खोनेसे नहीं डरती हुं, नाही मेरी आखें नम हुये तेरे जानेसे......बास् भुल क्या थी ये जानना चाहती हुं तुमसे ? मेरी सबालों का जबाब देना चाहोगे क्या ?