हिंदी ़
"छू लो तो *चरण*
अड़ा दो तो *टांग*
धंस जाए तो *पैर*
फिसल जाए तो *पाँव*
आगे बढ़ना हो तो *कदम*
राह में चिह्न छोड़े तो *पद*
प्रभु के हों तो *पाद*
बाप की हो तो *लात*
गधे की पड़े तो *दुलत्ती*
घुंघरु बांधो तो *पग*
खाने के लिए *टंगड़ी*
खेलने के लिए *लंगड़ी*
हिन्दी की बात ही अलग है... अंग्रेजी में केवल *Leg*......
गुरु रवींद्र नाथ टैगोर जी ने कहा था कि भारतीय भाषाएँ *नदी* है तो *हिन्दी* एक *महानदी* है।"