फासला बना लिया तुमने मैने दीवार खड़ी कर ली
जरा सी गलतफहमी ने देखो कितनी तरक्की कर ली,
खुद को बदलते बदलते इतना भी मत बदल जाना
की आईना सामने हो तो अपना चेहरा भी याद ना रहे,
किसी ने थोड़ा सा वक्त दिया था मुझे
मैने आजतक सभालकर रखा है
हर चीज की कीमत बढ़ जाती है
मिलने से पहले और खोने के बाद
आजतक बहुत भरोसे टूटे है
मगर भरोसे की आदत अभी तक नहीं छूटी
जिसे दुआओ में मांगा हो अगर वो ही ना मिले
तो ये सोचकर सब्र कर लेना
की उसे तुमसे पहले कोई और मांग चुका है
तजुर्बा हमें गलत फैसले से बचाता है
मगर तजुर्बा भी गलत फैसलों से ही आता है।