बेनिशाँ
है वो लकीरें जो तुमने होंठो से
मेरे हथेलियों पर बनायी
बेनिशाँ
है वो तुमहारे गालों के गीत
जो तुमने सीने पर रख दिल को सुनाए
बेनिशाँ
है वो मोगरे के महक
जो तुमने अपने बालो में रोपे
बेनिशाँ
है वो घर की दहलीज
जहाँ तुमने महावर रँगे पांव लांघे
बेनिशाँ
है सिंगारदान के आईना
जिसमे तुमने अपनी बिंदिया लगाई
बेनिशाँ
है वो विंदचाइम वाली खिड़की
जहाँ घण्टो हमने ख़ामोस बातें की
बेनिशाँ
है वो इनबॉक्स और गैलरी
जिसमे करोड़ो संदेशे फोटोज साझा किए
बेनिशाँ
है जो प्यार कसमे वादे किए हमने
बेनिशाँ
है वो दिल जिसके टुकड़े टुकड़े हुये
बस कुछ बेनिशाँ
नही है तो वो मेरी कविताये
जो बयाँ करती है हमारी दास्ताँ