आइए कुछ खिलखिलाते हैं😊😊
*ऋतु है आई बसंती सताने लगी,
खत को पढ़ कर मेरे मुस्कुराने लगी,
इक हुआ हादसा खत पे चटनी गिरी,
वो समझ पान उसको चबाने लगी।।
*तुम गए थे कहाँ, तुमको ढूँढा बहुत,
ना मिले फ्राइडे गुस्सा फूटा बहुत,
देख लो प्रियतमा कितना सूजा हूँ मैं,
तेरे चच्चा ने उस दिन था कूटा मुझे।।