एक समय था जब मां बाप की गोद में इस दुनिया में आया..
एक समय था जब अपनो की ऊंगली थाम घर के आंगन से बाहर आया...
एक दिन ऐसा भी वक्त आया जब छूटा देश गांव का साया...
वो भी एक जिंदगी की नई शुरुवात थी, जिसमे अपनो को दूर और गैरों को नजदीक पाया...
समय के साथ साथ रिश्तों में भी बदलाव आया..
नज़दीकियों को दूरी और दूरी को नज़दीकियों में बदलते पाया...