आज की शाम शहीदो के नाम
विश्व की पूकार है ये भागवत का सार है
की युद्ध ही तो वीर प्रमाण है
कौरवो की भीड हो या पांडवो का निड हो जो लड सका है वो ही तो महान है।
जिस कवि की कल्पना मे जिंदगी हो प्रेम गीत उस कवि को आज तुम नकार दो
भीगती नसो मे आज फूलती रगो मे आज आग की लपट का तुम बघार दो।