तेरी यादों का बोझ..
क्यूँ हसीन वादियों से मेरा चेहरा खो गया..
जब तेरे लबों से मेरा नाम खो गया।
किस कदर तू दिल में समाया, जाने कहाँ मेरा वजूद खो गया।
मेरे सनम से मैं हारी, दिल से कोई दरवाज़ा टूट गया।
जो मिला तू ,कोई न कोई सहारा दे गया।
सारे रब मेरे करीब ..बस तू जो आ गया।
_Mohiniwrites