मौन का कारण घमंड नहीं होता
मौन की भी एक भाषा होती है,
हर चुप्पी में हजारों आवाज़ें सोती हैं।
जो नहीं कहते, वो भी बहुत कहते हैं,
बस उनकी धड़कनों को सुनना आना चाहिए।
मौन, तूफ़ान से पहले की शांति है,
यह किसी का अहंकार नहीं,
बल्कि आत्मा की गहराई का प्रमाण है।
जहाँ शब्द छोटे पड़ जाएँ,
वहाँ मौन अपना विस्तार पाता है।
कभी यह घावों की दवा होता है,
कभी यह विचारों की तपस्या।
यह दूरी नहीं, समझ का इम्तिहान है,
यह ठुकराना नहीं, अपनाने का विधान है।
मौन का कारण घमंड नहीं होता,
यह विनम्रता का सबसे पवित्र रूप है।
जिसे समझने की दृष्टि मिल जाए,
वही मौन में छिपी अमृत ध्वनि सुन पाए।
आर्यमौलिक