ख़ुदा मेरी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ हर बार जाता है,
मगर तुम न जाना, दिल का सहारा तुम ही तो हो,,,,
हर ख्वाब अधूरा सा लगता है तेरे बिना,
मेरे जहाँ की रोशनी का उजाला तुम ही तो हो,,,
अगर तूने भी छोड़ दिया तो टूट जाऊंगी मैं,
आँखों में भरने को हर ग़म का साया तैयार ही रहता है,,,
तेरी मोहब्बत से ही साँसों को राह मिलती है,
वरना ये दुनिया तो बस वीराना लगती है,,,,,
- Manshi K