✧ भारतीय नारीत्व और पश्चिम की हवा ✧
1. पश्चिम का रिश्ता कॉन्ट्रैक्ट है, भारत का रिश्ता संस्कार।
2. पश्चिम कहता है: समानता मतलब दोनों एक जैसे दिखें, काम करें, पैसे कमाएँ।
भारत कहता है: समानता मतलब दो का मिलकर एक होना।
3. पश्चिम में मज़ा है, पर गहराई नहीं।
भारत में प्रतीक्षा है, और वही प्रतीक्षा प्रेम की जड़ है।
4. पश्चिम में संबंध कॉफ़ी डेट है।
भारत में संबंध अग्नि साक्षी है।
5. भारतीय नारी का सबसे बड़ा धन प्रतीक्षा है।
वह भीतर ही भीतर पुरुष को धारण कर लेती है।
6. पुरुष जल्दी बह जाता है, स्त्री देर से खोलती है।
यही अंतर प्रेम को रहस्य देता है।
7. जब स्त्री अपनी प्रतीक्षा खो देती है, तो उसकी मौलिकता भी खो जाती है।
8. आत्मनिर्भरता का अर्थ है अपने स्त्रीत्व में निर्भीक होना,
न कि पुरुष की नकल करना।
9. पुरुष शक्ति है, स्त्री शांति है।
पुरुष बहाव है, स्त्री गहराई है।
दोनों साथ हैं तो पूर्णता है।
10. सनातन कहता है: नारी और पुरुष विरोध नहीं, दो ध्रुव हैं।
साथ हों तो धर्म है, प्रेम है, मुक्ति है।
11. पश्चिम का कॉन्ट्रैक्ट सुविधा देता है,
पर आत्मा को खो देता है।
12. भारतीय विवाह जीवन का सौदा नहीं,
जीवन का समर्पण है।
13. पश्चिम कहता है—"आज साथ, कल अलग।"
भारत कहता है—"सात जन्म तक साथ।"
14. अगर पश्चिम श्रेष्ठ है, तो भारतीय प्रेम झूठा है।
अगर भारतीय प्रेम सत्य है, तो पश्चिमी समानता छलावा है।
15. आने वाली पीढ़ियों की असली कसौटी यही है—
क्या वे प्रतीक्षा और गहराई बचाएँगे,
या सब कुछ कॉन्ट्रैक्ट और उपभोग में बदल जाएगा?
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