"रूह को सुकून दे, दिल को करार दे,
ऐ ज़िन्दगी, मुझे बस थोड़ा सा प्यार दे।
गिरा हूँ, ठोकरें खाई हैं, हर राह में,
मगर उठा हूँ फिर, खुद को सवार दे।
मेरे ख्वाबों को तू एक नया मुकाम दे,
मेरी कहानियों को कोई तो अंजाम दे।
जो दर्द है सीने में, उसे थोड़ा कम कर,
मुझे हँसने की एक वजह, एक नया काम दे।"
- kajal jha