सवालों सा हूं मैं जवाब सा तुम बन जाओ
ख्वाब में भी रोऊं मै हकीकत में मेरी मुस्कान तुम बन जाओ
शब्दों सा हूं मैं कोई गजल तुम बन जाओ
रहूं अगर तकलीफ में तो , मेरी राहत तुम बन जाओ
गुस्से में रहूं मैं अगर तो कोई नज़ाकत तुम बन जाओ
दुआ अगर मैं करूं तो मुकम्मल तुम हो जाओ
बुराइयां मुझमें हो तो अच्छाइयों का अध्याय तुम बन जाओ.....
- Manshi K