💌 मेरे Parahearts के नाम...
कुछ कहानियाँ बस कहानियाँ नहीं होतीं…
वो हमारी अधूरी यादों, अनकहे जज़्बातों और उन पलों का कोना होती हैं, जिन्हें हम सालों तक दिल में छुपाकर रखते हैं।
"वो लड़का जो बस देखता था..."
ये एक ऐसी ही कहानी है — थोड़ी सी सच्ची, थोड़ी सी मेरी कल्पना से बुनी हुई।
मैं ये लिखते हुए थोड़ी नर्वस भी थी... क्योंकि ये सिर्फ़ एक कहानी नहीं, मेरे बचपन की किसी अनकही धड़कन का हिस्सा है।
आपसे ये शेयर करते हुए मन में हज़ार सवाल थे —
क्या आप समझेंगे?
क्या आप जज करेंगे?
या फिर... आप भी मुस्कुरा देंगे जैसे कभी वो मुस्कराया करता था...?
मैंने कोशिश की है कि इस कहानी में मासूमियत हो, वो बचपना हो, और थोड़ी सी वो हल्की-सी हँसी भी, जो दिल में कहीं गुदगुदा जाए।
शायद आपमें से कुछ को भी ऐसा कोई चेहरा, कोई नज़र, कोई बचपन की बात याद आ जाए।
अगर ऐसा हुआ...
तो समझना, मेरे एहसास आप तक पहुँच गए। ❤️
सिर्फ़ एक लेखक नहीं,
एक लड़की की तरफ़ से,
जो अब भी कभी-कभी उसी हॉस्टल के रास्ते याद करती है।
प्यार,
Diksha
#FromMyHeartToYours
#SomeTruthSomeFiction
#ParaheartsForever