*दोहा-सृजन हेतु शब्द*
*संयम,संकेत,नटखट,नीलांबुज,भंगिमा,संकल्प*
*संयम* नैतिक आचरण, का है बड़ा महत्व।
जीवन जीने के लिए, श्रेष्ठ यही है तत्व।।
*संकेत* पटल पथिक को, दिखलाते हैं राह।
निर्भय होकर चल पड़ो, नहीं मिलेगी आह।।
*नटखट* बालक मोहते, प्यारे लगते बोल।
प्रिय जन मुग्ध निहारते, लगते हैं अनमोल।।
*नीलांबुज* सरवर खिला, करें बदक किल्लोल।
दृश्य मनोरम देखकर, निकलें हर्षित बोल।।
दुर्जनता का भूल से, कभी न लेते नाम।
भाव *भंगिमा* देखकर, करते सभी प्रणाम।।
जीवन में संकल्प लें, करें नीति गत काम।
भटकें कभी न राह से, मिले सुखद परिणाम।
मनोजकुमार शुक्ल 'मनोज'