तेरी यादें अब भी चुपचाप आती हैं,
हर रात मेरी तन्हाई को जगाती हैं।
ना तू है, ना तेरा कोई निशां बाकी,
फिर भी तेरे बिना ये साँसें अधूरी सी लगती हैं।
टूटे हुए ख्वाब अब तक पलकों पे हैं,
आँखें सूखी हैं पर दिल में आँसू बहते हैं।
हर मुस्कान के पीछे एक दर्द छुपा है,
कोई पूछे तो कह देते हैं – “सब बढ़िया है…”
कभी तुझसे बातें थीं मेरी दुनिया,
अब सन्नाटा ही मेरा हमसफ़र बना है।
तू चला गया तो कुछ भी नहीं गया,
पर जो रह गया, वो मैं नहीं रहा।
तेरे साथ जिया हर पल हसीं था,
अब हर लम्हा सिर्फ़ सज़ा बन गया।
ख़ामोशी अब जवाब देती है,
और दिल हर रोज़ तुझसे सवाल करता है।