✤┈SuNo न┤_★_🦋
ए लड़की...बढ़िया है, रहो फिर तो
ग़ायब ही तुम,
मेरी यादों में अक्सर आती हो और
रहती हो नायाब ही तुम,
ये कैसा इश्क है तेरा ये कैसी अदा है
सामने हो तो बेरुख़ी दूर हो तो हरसू
ख़ुदा है,
कभी लबों पे मुस्कान’ कभी आँखों
में नमी,
तेरी हर अदा में’ इक अलग ही रंगत
है, नहीं है कोई कमी,
नज़दीकियाँ भी अज़ीयत दूरियाँ भी
बेहाल करती हैं,
क्या कहूँ, तेरे बारे में पगली, हरपल
ही कमाल करती हैं,
सुनो न ए लड़की.बढ़िया है रहो फिर
तो ग़ायब ही तुम,
मेरी यादों में अक्सर आती हो, और
रहती हो नायाब ही तुम..❤️
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh °
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