खामोशियां बहुत कुछ कहती है,
बस तुम सुनो ..
खामोशियां बयां करती है -वो दर्द जो अंदर ही अंदर उसे पीड़ा दे रहा है,
खामोशियां बयां करती है -कि छोड़ दिया है उसने अब तुम्हें बदलना,
कि छोड़ दिया है- अब तुम्हें रोकना टोकना,
खामोशियां बयां करती हैं कि-
अब टुट चुकी है 'वो'
कि छोड़ दिया है उसने- अब गुस्सा करना,
कि बंद कर दिया है उसने- अब रूठने मनाने का खेल,
खामोशियां बयां करती है कि -अब कोई नही समझेगा उसे मान लिया है उसने,
खामोशियां बयां करती है एक ख़ामोश 'मायुसी'
बस तुम सुनो...!!
- Soni shakya