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करूं तेरा ज़िक्र या , एहसासों में रहने दूं..! करूं तुझे महसूस या, धड़कनों में रहने दूं..!! तुझे लफ़्ज़ों में करूं बयां या, खुद में रहने दूं..!!!💞 - Soni shakya
कोई उम्मीद नहीं कि दुबारा मिलेंगे ! फिर भी इंतजार ... आख़री सांस तक करेंगे !! - Soni shakya
तुम्हें सोचते ही... महक जाती है सांसें मेरी, फिर और किसी और ख्याल की.. जगह ही कहां हैं ?? - Soni shakya
कुछ लफ्ज़ कहे नहीं जाते, बस आंखों में ठहर जाते हैं..! कुछ लोग नहीं मिलते मगर,उम्र भर हमारे होते हैं..!!
खामोशियां भी बोल उठातीं है कभी-कभी, जब कोई बहुत अपना.. बिना कुछ कहे चला जाता है .!! तेरी कमी को शब्दों में कैसे बयां करूं, हर बात अधूरी लगती है.. जब तू याद आता है.!!! - Soni shakya
""काया काशी हो गई , मन बद्री केदार ! ढाई आखर ने किया रोम- रोम हरिद्वार !!"" - Soni shakya.
चाहते ना पुंछ इस दिल की...! जाने कितनी ख्वाहिशें बंद है इसमें..!! - Soni shakya
एक तु ना मिला...!! सारी दुनिया मिले भी तो किस काम की..!!! - Soni shakya
तुम पसंद आए थे,ये इत्तेफाक था..! तुम ही पसंद रह गये ये "इश्क"है..!!💞 - Soni shakya
ओम् नमः शिवाय 🙏🙏🌿🌹🌿
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