तुम मेरी आदत, मेरा सुकून हो
मेरे चेहरे की मुस्कान हो 🥰
जब दिन भर के कामों से थक जाता हूँ
तो तुम्हारी बातो को याद कर के खुश हो जाता हूँ
रिस्ता युही चलता रहे हमारा
वरना बिखरने मे वक़्त कहाँ लगता हैँ
युही कभी सोचता हूँ के
पास बैठा कर तुम्हे खूब बातें करूं
के काश....
ऐसा होता 💔
एक लगाओ, एक आदत सी होगयी हैँ तुमसे
इसे कैसे जाने दूँ ❤️
- SARWAT FATMI