दुनिया की भीड़ में जब खुद को अकेला पाएगी...
मुझे पता है तू अपना दर्द किसी को नहीं बताएगी...
मुझे तो भुला दिया तूने पर कम से कम मेरा पता याद रखना...
किया था तेरे किसी आशिक ने तुझसे वादा ये याद करना...
मिलूंगा तुझसे उन्हीं मोहब्बत की गलियों में
जो तेरे घर से होकर बहती हैं...
हाँ तुझे नहीं दिखता मैं पर मेरी धड़कनें
आज भी वहीं रहती हैं...
तू आज़मा के देख लेना हमें , तब भी मोहब्बत लुटा देंगे...
चाहे दर्द दिए हों हज़ारों तूने , तेरी खुशी के लिए सब भुला देंगे...
~ Kshitij daroch