कुछ नहीं हुआ मुझे
बस कुछ दिन से उदास हूं
जिसे चाहा बहुत मैंने
आज उससे ही बहुत अंजान हूं
कर लिया है रो रोकर खुद का बुरा हाल
अंजान शहर में भी आंसुओं के बीच मशहूर हूं
जिस बात का डर था मुझे आज उससे ही परेशान हूं
लगता है अब पूरी टूट जाऊंगी मैं
दिल ने ख़ामोशी से आवाज दिया है
मन तो कर रहा कर लूं ख़त्म खुद को
पर ना हूं मैं घर पे अकेली और न अपनों के साथ हूं.....
जिसे चाहा बहुत मैंने
आज उससे ही बहुत अंजान हूं......
_Manshi K