पिता तुल्य अग्रज, वरि. कवि/साहित्यिकार आ. संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी" जी दादा के जन्मदिन ( १९.०९.२०२४) पर विशेष
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जन्मदिवस पर आपको दादा
बस इतनी सी शुभकामना है,
आप की छत्रछाया सदा रहे
ईश्वर से बस यही प्रार्थना है।
बधाइयां शुभकामनाओं की
औपचारिकता मैं कैसे निभाऊँ,
आपका हस्त हो मम शीष सदा
इतना विश्वास मैं आपका पाऊँ।
आप स्वस्थ सानंद रहें दादा
दीर्घायु हों और हुंकार यूँ ही भरें,
गतिशील रहें आप सदा यूँ
सदा सदा ही जोश भरें।
आपकी छत्रछाया में हम
जीवन भर खूब फले फूलें,
आपकीहरी भरी बगिया में
फूलों जैसे हम सब खिलें।
जन्मदिवस पर अपने मेरा
नमन वंदन स्वीकारो दादा,
अपनी प्यारी बांहों में भरकर
हम बच्चों को दुलारो दादा।
सत पथ पर हम सदा चलें
हमको राह दिखाओ दादा,
कभी राह से जब हम भटकें
हमको डांट लगाओ दादा ।
जन्मदिवस है आज आपका
थोड़ा अब मुस्काओ दादा,
भूल जाइए उम्र को अपने
बच्चों सा उधम मचाओ दादा।
जन्मदिवस पर आज आपके
प्रार्थना सुधीर की इतनी दादा,
अब जल्दी से केक काटकर
हम सबको तनिक खिलाओ दादा।
सुधीर श्रीवास्तव